वशीकरण एक प्राचीन भारतीय तंत्र विद्या है, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार प्रभावित करने या नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. हालांकि, यह एक संवेदनशील और विवादास्पद विषय है और इसका उपयोग नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण से गलत माना जाता है.
वशीकरण के द्वारा समाज में एक अलग जगह बनाई जा सकती है.
वशीकरण हमेशा नैतिक नहीं होता है. किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना वश में करना गलत है. वशीकरण हमेशा सफल नहीं होता है. इसका प्रभाव व्यक्ति की इच्छाशक्ति और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है. वशीकरण के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. अगर वशीकरण गलत तरीके से किया जाए, तो इसका व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
उसकी वासनाएं जागने लगती है और साधना के अंतिम पल में वो हार जाता है.
यक्षिणी साधना के सफलता के नियम : यक्षिणी साधना में वैसे तो कुछ ज्यादा कड़े नियम नहीं होते है लेकिन इनकी सफलता के लिए शुभ महूर्त और घडी का बेहद प्रभाव पड़ता है.
Each individual expert of Vashikaran has its way and technique of undertaking the Vashikaran. Some have mastery over several modes of Vashikaran. It can be carried out by title, Image, and possessions. Some can provide you with Vashikaran Yantra to get put at a certain put as well.
Nevertheless, it is said that it ought to be done with the positive intention as the universe will give the effects According to the destructive and positive vibrations, which will return. However, to obtain most Added benefits from it, one particular need to click here usually choose to use it positively.
किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना वश में करना गलत है. दूसरा, किसी अनुभवी गुरु या ज्योतिषी से सलाह लें. वशीकरण एक जटिल विद्या है और इसे गलत तरीके से करने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं. तीसरा, धैर्य रखें. वशीकरण का प्रभाव तुरंत नहीं दिखता है. इसके लिए समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है.
Misuse or manipulation of Vashikaran for egocentric or malicious needs may have detrimental repercussions and will produce karmic repercussions.
एक बार ऐसे प्रतीक बना लिए जाने पर, आप खुद को ही बर्बाद कर डालते हैं।
अगर आप धन भोग विलास जैसे विषय के लिए यक्षिणी की साधना कर रहे है जो की ज्यादातर साधक का प्रथम उदेश्य होता है तो अपने चित को स्थिर रखे और संयम के साथ यक्षिणी साधना में आगे बढे.
प्रातः कल स्नान करके मृग चर्म पर बैठ जाये और किसी का स्पर्श न करे.
आम तौर पर, जो लोग भूत-प्रेत से ग्रस्त होते हैं या तंत्र-विद्या के असर में होते हैं, ऐसी समस्याओं वाले लोगों को या तो आगे की ओर पंद्रह डिग्री कोण या पीछे की ओर पंद्रह डिग्री कोण पर बैठने के लिए कहा जाता है। यह इस पर निर्भर करता है कि उन्हें किस तरह की समस्या है।
A lot of choose to utilize the Vashikaran to get adore back again when very little seems to be Operating for them. Folks done with every single technique and did not get the outcome must make use of the Vashikaran to have appreciate again.
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